बारिश में भीगने का , मज़ा कुछ और होता है ,चाहत में मर-मिटने का, मज़ा कुछ और होता है !!
याद जब आये उनकी तो, दिल को मनाने की खातिर,
तन्हाईयों में पीने का, मज़ा कुछ और होता है !!
ये आरज़ू थी हमारी, उन्हें अपनाने की लेकिन,
वो कहते है, हमें सताने का, मज़ा कुछ और होता है !!
अपनों पर सितम तो, हर कोई ढाता है, लेकिन ,दूसरों पर सितम ढाने का, मज़ा कुछ और होता है !!
पल जीवन के, जो गुज़र जाते हैं, यादें वो पीछे छोड़ जाते हैं,
उन यादों के सहारे जीने का, मज़ा कुछ और होता है !!
मंझधार में तो हर कोई,डूब जाता है लेकिन,
किनारों पर डूबने का ,मज़ा कुछ और होता है !!