आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर आंदोलनरत तेलगांना
संयुक्त कार्रवाई समिति ने बुधवार से तीन दिनों तक रेलमार्ग अवरूद्ध करने का फैसला
किया है, जिससे 100 से अधिक
रेलगाड़ियां स्थगित कर दी गई हैं। गौरतलब है कि पिछली
बार 24 और 25 सितम्बर को दो
दिनों के लिए रेलमार्ग अवरूद्ध किए गए थे, जिसकी वजह से 72 एक्सप्रेस
रेलगाड़ियों और 264 सवारी रेलगाड़ियों
को रद्द किया गया था।
वाह रे देश के नेता !!!..... अपना मतलब साधने के लिए क्या तुम्हें सिर्फ रेल गाड़ियाँ ही दिखाई देती हैं? सत्ता की रोटियां सेकने के लिए रेल रोको आन्दोलन ही तुम्हें दिखता है ?
ये इस देश की विडंबना ही है
कि जिसे भी अपनी आवाज बुलंद करनी होती है, वो रेल संचालन अवरुद्ध करने
पर उतारू हो जाता है . अभी कुछ समय पहले की बात को ही लीजिये , जब गुर्जर आन्दोलन हुआ था , तब भी इन नेताओं को रेलवे ही
की याद आई थी .
जिसे देखो अपना गुस्सा रेल पर
उतरना शुरू कर देता है. इन लोगों को ये चिंता नहीं होती कि रेल रोकने से आम
जनता को कितनी तकलीफ होती है . इन आंदोलनों कि वजह से रेलवे को कितना नुकसान उठाना
पड़ता है . रेल अगर न चले तो रोज़ इस देश को करोड़ों रुपयों का नुकसान में होता है. ये सारी चीजें
इनको नहीं दिखाई देती . दिखाई देता है तो बस, अपना मतलब .
ऐसे खुदगर्ज़ लोगों से मेरी
विनती है कि रेल को अपना निशाना बनाना छोड़ें और कुछ इस देश का ख्याल करें .
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