Image: Evgeni Dinev / FreeDigitalPhotos.net |
झरनों की वादियाँ ,
बर्फ की बारिश..........
ढेरों चित्र आँखों में कैद थे........
तुम्हारे साथ गुज़ारा,
हर लम्हा दिल की जागीर था.....
यादों का आलम यह था कि,
रेत पर तुम्हारा नाम कब लिख दिया ,
पता ही न चला.........
फिर उसे सीपियों से सजाया और ,
अपने आँचल में उसे छुपा लिया.........
शायद यही चाहत है,
कि, ख्यालों के गुल ,
किताब में उतर आये हैं ...........
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