इन बेजुबां कागजों पर ही तो अफसाने बयां होते हैं !
जो लम्हें गुज़र जातें हैं, उनके बस निशां होते हैं !!
हसीं यादों के दायरों में सिमट जाती है ये ज़िन्दगी !
बस ख्वाहिशें रह जाती हैं , वो मंज़र कहाँ होते हैं !!
उनकी शिकायत है कि उन्हें हम याद नहीं करते !
अरे,उन्हें क्या याद करना,जो जिगर के पास होते हैं !!
गुज़रते हैं रोज़ इन रास्तों से कई मुसाफिर !
ये रास्ते उफ़ तक नहीं करते,वो तो बेजुबां होते हैं !!
जो हमसे टकराना चाहते हैं, क्या वो जानते नहीं !
वो तुफानो से नहीं खेला करते , जो नादाँ होते हैं !!
कुछ लोग जो हमसे बिछड़ जाते हैं,रहते तो वो दूर हैं !
पर उनके अहसास,हमारे दिल के पास होते हैं !!
अपने वजूद का अब क्या साबुत दे 'विजय' !
मेरे लफ्ज़ ही,मेरे होने का गवाह होते हैं !!
जो लम्हें गुज़र जातें हैं, उनके बस निशां होते हैं !!
हसीं यादों के दायरों में सिमट जाती है ये ज़िन्दगी !
बस ख्वाहिशें रह जाती हैं , वो मंज़र कहाँ होते हैं !!
उनकी शिकायत है कि उन्हें हम याद नहीं करते !
अरे,उन्हें क्या याद करना,जो जिगर के पास होते हैं !!
गुज़रते हैं रोज़ इन रास्तों से कई मुसाफिर !
ये रास्ते उफ़ तक नहीं करते,वो तो बेजुबां होते हैं !!
जो हमसे टकराना चाहते हैं, क्या वो जानते नहीं !
वो तुफानो से नहीं खेला करते , जो नादाँ होते हैं !!
कुछ लोग जो हमसे बिछड़ जाते हैं,रहते तो वो दूर हैं !
पर उनके अहसास,हमारे दिल के पास होते हैं !!
अपने वजूद का अब क्या साबुत दे 'विजय' !
मेरे लफ्ज़ ही,मेरे होने का गवाह होते हैं !!
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