रखो हौसला , वो मंज़र भी आएगा ,
प्यासे के पास चलकर, समंदर भी आएगा .
थक कर न बैठ, ऐ मुसाफिर ,
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा .
जिंदगी की राहों में, जब कभी आँखें बंद करोगे ,
तो ख्वाबों में गुज़रा हुआ कर कल नज़र आएगा .
नज़रें दुनिया की, जब कभी तुम्हें तन्हा छोड़ेंगी ,
साथी तुम्हें कोई, दूसरा मिल जाएगा .
मौसम ने ये कैसी, ली है करवट ,
लगता है जैसे, कोई तूफां आएगा .
कश्ती को अपनी संभाल, ऐ मांझी ,
वरना उसे तूफां, बहा ले जायेगा .
बाजारों में रोज़, बिकते हैं ज़ज्बात ,
आज फिर कोई नया खरीदार आएगा .
सारें ज़हां में लोग रहें हंसी-ख़ुशी .
उम्मीद है "विजय" ऐसा भी कोई पल आएगा .
ये ज़िन्दगी एक खेल है और हम सब कठपुतली ,
यहाँ रोज़ एक नया खेल खेला जायेगा .
truly touching.... amazing cant believe aapne likhi hai
जवाब देंहटाएं