लहरों से खेलता हुआ , लहरा के पी गया !
साकी की हर निगाह पे ,बल खा के पी गया !!
मैंने तो छोड़ दी थी , पर रोने लगी शराब !
मैं उसके आंसुओं पे तरस खा के पी गया !!
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मंदिर और मस्जिद का झगडा यूँ मिटाया जाय !
दोनों के बीच एक मैखाना बनाया जाय !!
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ये हमने आज से तय कर लिया , कि हम तुझको !
करेंगे याद कि जब तक भूला नहीं देंगे !
शराब पीके बड़े तजुर्बे हुए हैं हमें !
शरीफ लोगों को हम मशवरा नहीं देंगे !
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बात साकी की ना टाली जाएगी !
करके तौबा तोड़ डाली जाएगी !
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कभी कहा न किसी से तेरे अफसाने को ,
न जाने कैसे खबर हो गयी ज़माने को ,
दुआ बहार कि मांगी तो इतने फूल खिले ,
कहीं जगह न मिली मेरे आशियाने को !
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भूल शायद बहुत बड़ी कर ली !
हमने दुनिया से दोस्ती कर ली !
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मेरे बारे में
- vijay
- The only thing I really wish to do with my life is to inspire someone. I want to touch someone’s life so much that they can genuinely say that if they have never met me then they wouldn’t be the person they are today. I want to save someone; save them from this cold, dark and lonely world. I wish to be someone’s hero, someone that people look up to. I only wish to make a change, even if it’s a small one. I just want to do more than exist.
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