खुशबू जो फूलों पर छाये ,
तो गज़ल होती है !
नज़र से नज़र टकराये ,
तो गज़ल होती है !
आँखों से आंसू छलक आये,
तो गज़ल होती है !
देख कर अगर वो मुस्कुराये ,
तो गज़ल होती है !
काली घटा जो छाए,
तो गज़ल होती है !
प्यार से जो अपना बनाये ,
तो गज़ल होती है !
हाल-ऐ-दिल जब वो सुनाये ,
तो गज़ल होती है !
जिंदगी जो रंग दिखाए
तो गज़ल होती है !
जाम से जाम जब टकराए ,
तो गज़ल होती है !
मदहोशी फिर जो छाये ,
तो गज़ल होती है !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें